एक साल पहेले
आज हि के दिन
बांधा हुआ वो फ्रेन्द्शीप बेल्ट
आज दोनो के हाथोंमे तो था
पर वे दोस्त के नहि, जो पहेले थे ।
अब नये दोस्त
आ गये थे उनके जीवनमें..
मैनें पुछा- कहां गये वे ?
वे बोले- पता नही..शायद उन्होंने भी
बदल दिये होंगे friends !
मै सोचता रहा
एक साल मै कितने दोस्त
बदलते होंगे ये लोग ?
नाम वही रहता है 'friendship'
पर रोज बदलती रहती है
जैसे Newspaper की Headlines !
- डो.विजय पटेल
wah.....u r gud poet... sir ab hamari poem suniye:
ReplyDeleteNO BHULKA BHAVAN,
NO,.....SURAT,
NO,.....INDIA,
NO,.....THE WORLD
IS SHINING DUE TO
"SMART VIJAY"....
oh its not like that..!
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